Financial Interim Budget 2019
अंतरिम बजट का मतलब
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 में व्यवस्था है कि सरकार संसद में अपने आय और व्यय का लेख जोखा रखे ताकि देश को पता चल सके कि सरकार ने पिछले साल कितना धन खर्च किया और कितना हासिल किया है. इसके साथ ही यह भी बताना होता है कि अगले वित्त वर्ष के लिये आय और व्यय के सम्बन्ध में सरकार की क्या योजना है.
संविधान के मुताबिक केन्द्र सरकार पूरे एक साल के अलावा आंशिक समय के लिए भी यह लेखा-जोखा संसद में पेश कर सकती है. यदि सरकार अपने राजस्व और खर्च का यह लेखा-जोखा कुछ माह के लिए पेश करे तो उसे अंतरिम बजट अथवा वोट ऑन अकाउंट की संज्ञा दी जाती है. अंतरिम बजट को लेखाअनुदान मांग और मिनी बजट भी कहते हैं. पत्रकारों की भाषा में इसे चुनावी बजट भी कहा जाता है.
अर्थात अंतरिम बजट चुनावी वर्ष में एक प्रकार की आर्थिक व्यवस्था है जिसके तहत सरकार बनने तक सरकारी खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता पूरी की जाती है. नई सरकार बनाने के लिए जो समय होता है, उस अवधि के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है. इस बजट में कोई भी ऐसा फैसला नहीं लिया जाता है जिसमें ऐसे नीतिगत फैसले हों जिसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े या फिर कानून में संशोधन की जरूरत हो.
आइये इस लेख में जानते हैं कि किस वर्ग के लिए क्या क्या है इस बजट में.
इस बजट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं;
- सरकार ने प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है. यह योजना 1 दिसम्बर 2018 से लागू होगी. इस योजना में 6000 रुपये प्रति वर्ष उन किसानों को दिया जायेगा जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है. इस योजना पर आने वाला 75 हजार करोड़ का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी. इस योजना से लगभग 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा.
- कामधेनु योजना को शुरू किया गया है. इस योजना पर 750 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. गायों के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना की जाएगी.
- सैनिकों को दिए जाने वाले बोनस को 3500 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपये कर दिया गया है.
- आंगनबाड़ी और आशा योजना के तहत मानदेय में लगभग 50% की वृद्धि की गयी है.
- अब तक उज्ज्वला योजना में दिए गएगैस कनेक्शनों की संख्या को 8 करोड़ करने के लक्ष्य रखा गया है.अब देश में 6 करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं.
- गर्भवती महिलायों के लिएमातृ वंदना योजना शुरू की गयी है.
- घरेलू कामगारों के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन’ नाम से मजदूरों के लिए पेंशन योजना. 10 करोड़ असंगठित मजदूरों को इस पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा. 21 हजार तक वेतन वाले मजदूरों का बोनस 7 हजार रुपए होगा.
- सरकार ने सैलरीड क्लास को बड़ा तोहफा देते हुएटैक्स छूट की सीमा 2.5 से बढ़ाकर 5 लाख कर दी है. अब अन्य डिडक्शन के साथ 6.5 लाख तक की सैलरी पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा. टैक्स छूट सीमा सीधे दुगुनी किये जाने से इस लिमिट में आने वाले हर करदाता को करीब 13000 रुपये का फायदा होगा. इससे करीब 70% छोटे करदाताओं को फायदा होगा. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है.
- वर्ष 2019-20 में वित्तीय घाटा जीडीपी के 3.4 फीसदी रहने का अनुमान जबकि अगले वर्ष इसके 3.1% रहने का अनुमान है.
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मनधन योजना के तहत 60 साल की उम्र पार कर चुके मजदूरों को प्रतिदिन 100 रुपये के हिसाब से हर महीने 3000 रुपये पेंशन के तौर पर दिए जायेंगे.
- देश में टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या बढ़कर 6 करोड़ 85 लाख हुई. टैक्स कलेक्शन 12 लाख करोड़ रुपये हुआ है. इस समय देश में औसतन है जीएसटी कलेक्शन है 97100 करोड़ रुपये है.
- ग्रैच्यूटी के भुगतान को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है.
- ESI की सुरक्षा पात्रता की सीमा को 15000 से बढ़ाकर 21000 रुपये कर दिया गया है.
- मृत्यु होने पर EPFO द्वारा राशि 2.5 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई है.
- प्रत्येक श्रमिक के लिए न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए प्रति माह तय
- बैंकों/डाकघरों में जमा राशियों से अर्जित ब्याज पर कर कटौती 10000 से बढ़ाकर 40000 कर दी गई है.
इस प्रकार ऊपर दी गयी घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि सरकार ने देश में सभी वर्गों को खुश करने का प्रयास किया है. सरकार ने प्रयास किया है कि किसानों, विद्यार्थियों, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों, गृहणियों और नौकरी पेशा वर्ग के लोगों को तमाम सहूलियतें दी जायें ताकि देश का चहुमुखी विकास सुनिश्चित किया जा सके.
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